Friday, April 26, 2024
spot_img
HomeEditorialएग्जिट पोल गलत

एग्जिट पोल गलत

एस.एन.वर्मा

एमसीडी चुनाव के नतीजे को लेकर एग्जिट पोल में दावा किया गया था कि आप पार्टी भाजपा को बुरी तरह हरायेगी। पर भाजपा का सीट शेयर और प्रतिशत उतना बुरा नहीं रहा आपको 42.0 प्रतिशत तो भाजपा के 39.09 प्रतिशत मत मिला। नतीजो ने अपना रंग दिखाया, जिसमें रंग मतदाताओं ने भरा था। पन्द्रह साल से एमसीडी पर भाजपा का कब्जा था वह टूट गया और आप पार्टी दिल्ली राज्य के साथ-साथ लोकल बाडी पर भी का काबिज हो गई। लोगो की उत्सुकता गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों नतीजो के बारे बहुत ज्यादा थी। गुजरात के नतीजे भाजपा के पक्ष में भारी बहुमत से गये, हिमाचल में कांग्रेस सत्ता पाने सफल रही। हिमाचल में एक ही पार्टी की सरकार लगातार दो बार कई सालों से नहीं आ पाती है। वहां भाजपा की सरकार थी अब कांग्रेस फिर वापस आ गई है। आप का प्रदर्शन जैसा लोगो का अनुमान था वैसे ही रहा।
भाजपा एमसीडी पर पन्द्रह साल से राज करती आ रही थी अब मजबूत विपक्ष बनकर आई है। एमसीडी के कार्यक्रमों में उसकी आवाज़ नक्कारखाने में तूती की आवाज नही रहेगी। भाजपा ने अपने सभी मंन्त्रियों को यहां प्रचार में लगा दिया था। जिसका नतीजा रहा कि मतगणना के समय भाजपा कड़ी टक्कर दे रही थी। कभी भाजपा आगे हो जाती थी तो कभी आप अन्त आप के पक्ष में गया। आप यहां बहुमत पाने में सफल तो हो गई पर उसका बहुमत महज 8 मतों से आगे है। आप इस खतरे को समझ रही होगी, भाजपा मौके तलाश रही होगी। भाजपा का चुनाव अभियान दिल्ली में कुछ ठीक ठाक नही रहा। वह आप निमिस्टर सत्येन्द्र जैन के जेल का विडियो और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को प्रकरण बार-बार लम्बा खीच कर मतदाताओं के दिल में ऊब पैदा कर रही थी। नही तो पूरे देश में नरेन्द्र मोदी का परचम शान से लहरा रहे है और यहां दिल्ली में रहकर दिल्ली स्टेट केजरीवाल के दामन में है। केजरीवाल दिल्ली की सफाई, जमुना की सफाई का वादा कर रहे है। यहां मजबूत लेफ्टीनेन्ट गवर्नर भी है। उनसे काजरीवाल ताल मेल ठीक नही बैठ पा रहा है। वहां के क्रियाकलाप पर नज़र रखने के लिये गवर्नर का मजबूत आफिस है। दिल्ली की सफाई आदि को लेकर केजरीवाल कांग्रेस का सहयोग और प्रधानमंत्री का आर्शिवाद मांग रहे है।
दिल्ली की जनता केजरीवाल के गवर्नेस से प्रभावित है पर वह उतनी प्रभावित नरेन्द्र मोदी के गवर्नेस से भी है। इसी वजह से वहां की जनता दिल्ली राज्य में केजरीवाल को वोट देती है तो केन्द्र में नरेन्द्र मोदी को वोट देती है। जनता गवर्नेस से प्रभावित होती है।
केजरीवाल का दिल्ली माडल चुनाव के समय चर्चा में आ जाता है। इसी माडल की वजह से पंजाब मे आप पार्टी ने अपना झन्डा पहली बार गाडा है। केजरीवाल अपने माडल की चर्चा हर जगह करते है। पर हिमाचल में उनका यह माडल कुछ नही कर सका। पंजाब के हालात को देख कर लग रहा है वहां केजरीवाल का माडल कुछ खास नही कर पा रहा है। हालाकि वहां भी दिल्ली की तर्ज पर बहुत सहूलियतों की घोषणा होती रहती है। वहां के मुख्यमंत्री का गवर्नेस कमज़ोर दिख रहा है।
एमसीडी चुनाव में मतदाताओं ने जो रूझान दिखाया वह दिखता है कि उनकी दिलचस्पी शराब घोटाले में या सत्येन्द्र जैन को जेल में मिल रही सुविधाओं के बारे में या जमुना की सफाई के बारे में नही थी। वे केजरीवाल के गुड गवर्नेस से प्रभावित रही है और उसी के वशीभूत केजरीवाल को एमसीडी में भी गवर्नेस दिखाने का मौका दिया है।
एमसीडी में कुछ 250 वार्ड है। आप के हिस्से 134 सीटे आई, भाजपा को 104 सीट मिली, अन्य के खाते में 3 सीटे गयी। अगर मतो के प्रतिशत को देखे तो भाजपा बहुत पीछे नही है। भाजपा के हिस्से में 39.09 प्रतिशत और आप के हिस्से में 42.05 प्रतिशत मत आये है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular