लखनऊ । एक ही वेतन पर पिछले पंद्रह वर्षो से क्षेत्रों में जलापूर्ति का कार्य कर रहे ट्यूबलेट पम्प आपरेटरों में रोष है। आपरेटरों का आरोप है कि प्रशासन हम कर्मचारियों के साथ अनदेखी कर रही है।

राजधानी लखनऊ के महापौर सयुक्ता भाटिया से शिकायत करते हुए आपरेटरों का कहना है कि जल संस्थान एवं जलकल विभाग के नलकूपों से पिछले कई वर्षों से क्षेत्रों में नागरिकों को जलपूर्तिं का कार्य करते चले आ रहे है। जिसका वेतन चौबिसों घंटे ड्यूटी का मात्र नौ सौ से पंद्रह सौ रुपये प्रति माह की दर से मिलता है। जबकि सिवेज पम्पिंग स्टेशन,सिवार पाईपलाईन व मेंटेंश स्टाफ को कार्यदायी संस्था 75 हजार चेक दिया जाता है।

आपरेटरों का यह भी आरोप है कि प्रशासन से शिकायत के बाद श्रम न्यायलय ने कम वेतन का अंतर भार दस लाख बावन हजार रुपये तहसील द्वारा विभाग से रिकवरी कराली ताकी ये पैसा टयूबलेट पम्प आपरेटरों को मिले लेकिन जल विभाग के महाप्रबंधक राजिव कुमार ने हाईकोर्ट से स्ट्रे ले लिया। वो पैसा श्रम न्यायलय से आपरेटरों को आज भी नहीं मिला है।
आपरेटरों की मांग यह है कि ट्यूबलेट पम्प संचालक कर्मचारियों को कार्यदायी संस्थान कर्मचारियों को बराबर वेतन दिलाये जाय।